अल-नीनो के प्रभाव से इस वर्ष केसा रह सकता है मानसून, जाने मानसून से जुड़ा बड़ा अपडेट

सभी दर्शको को ज्ञात हो की पिछले साल अल-नीनो मौसम चक्र के प्रकोप से अगस्त माह के दौरान मानसून की वर्षा का भारी अभाव रहा था और देश के कई भागो में गंभीर सूखे का माहौल बन गया था। इससे खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ था। ध्यान देने की बात है कि जुलाई के बाद अगस्त में ही सर्वाधिक बारिश की जरूरत होती है |

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Mosam Update 2024

इस वर्ष भी अल नीना का प्रभाव रहने की संभावना

पिछले साल अल नीनो का प्रकोप रहा था जबकि चालू वर्ष में अल नीना का प्रभाव रहने की संभावना है जिससे अगस्त 2024 में देश के विभिन्न भागो में जोरदार वर्षा होने की उम्मीद है। लेकिन कृषि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि मूसलाधार बारिश होने पर कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है जो खरीफ फसलों के लिए सूखे से ज्यादा हानिकारक साबित होगा।

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अगस्त की वर्षा खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण मानी जाती है। गत वर्ष अगस्त में राष्ट्रीय स्तर पर 36 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी और वह वर्ष 1901 के बाद सबसे सूखा महीना आंका गया था।

जुलाई में मानसून की लगभग 32 प्रतिशत वर्षा होती है इसलिए अगस्त में थोड़ी कम बारिश होने पर भी काम चल जाता है लेकिन यदि बारिश में एक-तिहाई से अधिक की कमी आ जाये और तापमान भी ऊंचा रहे तो खरीफ फसलों को नुकसान होना स्वाभाविक ही है।

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