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सीपीएस पद्धति के तहत बढ़ सकते हैं अफीम काश्तकारी के पट्टे – afim-niti

Afim Niti – नमस्कार किसान भाइयो आज के इस ब्लॉग के माध्यम से अफीम निति , अफीम पट्टा लिस्ट से जुडी जानकारी अपडेट अपडेट की गयी हे अफीम उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 के लिए नई अफीम नीति Afim niti निर्धारण की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो गई है

वहीं नीति का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत भी किया जा चुका है। प्रारूप पर मुहर लगी तो नई अफीम नीति 25 सितंबर तक घोषित होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा प्रति वर्ष नई अफीम नीति घोषित की जाती है, जिसे देश के तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में लागू किया जाता है। जिसके अनुरूप अफीम पट्टे वितरित होते है।

नई अफीम नीति निर्धारण की प्रक्रिया के अंतर्गत अपुभ्म उत्पादक राज्यों के नारकोटिक्स मुख्यालयों पर सलाहकार समिति की बैठकों के बाद 6 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक भी सम्पन्न हो चुकी है।

जानकारों का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत के अलावा दुनिया के सभी देशों में अपनाई जाने वाली सीपीएस पद्धति को बढ़ावा देने को उचित मानती है। पिछले वर्ष ही उनके निर्देश पर देश में पहली बार सीपीएस पद्धति के तहत डोडों पर चीरा नहीं लगाने की शर्ता पर 10 हजार किसानों को लायसेंस देने का ठोस निर्णय विरोध के बावजूद लिया गया था।

500 टन की मात्रा बढ़ाने की गुजाइंश

जानकारों की माने तो सरकार ने प्रायवेट सेक्टर को प्रति वर्ष 500 टन डोडो से सीधे अफीम निकालने की प्रक्रिया के अंतर्गत सेमी रिफाइन मार्फिन बनाकर सरकारी प्लांट को देने के लिए पांच वर्षीय अनुबंध को निष्पादित किया है।

पिछले साल दस हजार किसानो ंसे कोई 412 मेट्रिक टन डोडा प्राप्त हुआ है। अनुबंध में 500 टन की मात्रा को बढ़ाने की गुजाइंश भी रखी गई है। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 में सीपीएस पद्धति के तहत बिना चीरा लगे दो हजार मेट्रिक टन डोडो के उत्पादन का लक्ष्य तय किया।

सीपीएस पद्धति के दोगुना बटेंगे पट्टे

जानकारों की माने तो नई अफीम नीति में सीपीएस पद्धति के अनुरूप काश्त के तहत उत्पादन का रकबा और इसके अंतर्गत लायसेंसधारी सिाकनों की संख्या पिछले साल की तुलना में दो गुना से भी अधिक होने की पूरी संभावना है। ज्ञातव्य है कि पिछले साल पात्र 10 हजार किसानों को 6-6 आरी के ही लायसेंस दिए गए थे

इस बार उन सभी किसानों के अलावा नए नियमों के तहत पात्र किसान को समान रूप से 10-10 आराी के लिए लायसेंस देने की संभावना दिख रही है। जानकारों की माने तो प्रशासनिक स्तर पर नई अपुीम नीति का प्रारूप तय किया जा चुका है और केंद्रीय वित्त मंत्री की मंजूरी की प्रक्रिया में है। पूरी संभावना है कि 25 सितंबर के दौरान नई अफीम नीति में परम्परागत खेती का क्षेत्र और लायसेंस बढ़ाने की मांग और दबाव सांसदो की ओर से बहुत अधिक रहा है। लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री इस में कुछ बदलाव कर सकती है। afim niti

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