अफीम पट्टा लिस्ट 2022 के लिए पात्र किसान
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मंदसौर भाग – 1 की सूचि
मंदसौर भाग – 2 की सूचि
मंदसौर भाग – 3 की सूचि
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चित्तौरगढ़ भाग १ की सूचि
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वर्ष 1998, 1999 व 2000 में विभिन्न कारणों से जिन किसानों के पट्टे कट गए थे वे भी नई नीति की गाइडलाइन में आने पर सीपीएस पद्धति से खेती करने के लिए पात्र होंगे। इन्हें भी 10-10 आरी के पट्टे जारी होंगे। नई नीति घोषित होने के बाद केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों ने नई नीति में पात्र होने वाले किसानों की सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में पट्टे जारी किए जाएंगे। इस बार दीपावली से पहले किसान खेतों में अफीम की बोवनी शुरू कर देंगे। नई अफीम नीति को लेकर मप्र, राजस्थान व यूपी के किसान लंबे समय से इंतजार थे। पुराने पट्टे बहाल करने को लेकर अफीम किसान संगठनों द्वारा प्रदर्शन व ज्ञापन दिए गए थे
चित्तौड़गढ़, मंदसौर-नीमच के सांसदों ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात कर वर्ष 1998 में विभिन्न कारणों से काटे गए पट्टों को बहाल करने की मांग की गई थी। जिस पर मंथन के बाद जिनके पट्टे कटे थे उन्हें गाइडलाइन के
नियमों के अनुसार पात्र मानते हुए सीपीएस पद्धति से खेती की पात्रता दी जाएगी। इसके कारण सीपीएस पद्धति से खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ने के साथ अफीम का रकबा भी बढ़ जाएगा।
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सामान्य पद्धति से अफीम खेती
जिन किसानों ने वर्ष 2021-22 में अफीम खेती कर विभाग को प्रति हेक्टेयर औसत 4.2 किलो प्रति या इससे अधिक मार्फिन दी हो। वर्ष 2019-20, 20-21 तथा 21-22 में किन्हीं कारणों से अफीम फसल हंकवाई हो।
जिन्होंने इसी तरह वर्ष 2018-19 में संपूर्ण फसल की जुताई नहीं की थी। जिन किसानों ने वर्ष 2021-22 या किसी अगले वर्ष में खेती की हो और अनुवर्ती वर्ष में लाइसेंस के लिए पात्र थे।लेकिन किसी कारणवश लाइसेंस प्राप्त नहीं किया हो या जिन्होंने लाइसेंस लेने के बाद भी अफीम की खेती नहीं की हो।
जिन किसानों की किसी दिवंगत पात्र किसान ने वर्ष 2021-22 के लिए फॉर्म सं.1 के कॉलम 11 में नामित किया हो। जिला अफीम अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया कापालन करने के बाद मृत पात्र किसानों के कानूनी वारिसों में से एक ऐसे मामले में किसी भी कारण से किसान से विधि उत्तराधिकारी को फॉर्म सं.1 में नामित नहीं किया गया हो या किसी फसल वर्ष में जिस व्यक्ति को नामित किया वह पारिवारिक सदस्य, रक्त संबंध में नहीं आता हो उन्हें खेती के लिए पात्र माना जाएगा।
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