अब तीन रुपए किलो में मिलेगा गेहू का आटा जानिए पूरी रिपोर्ट

पिसाई की कीमत पर आटा देगी सरकार,शुरआत 17जिलो से

भोपाल. सरकार गेहूं की पिसाई की कीमत पर गरीबों को प्रोटीन औरविटामिनयुक्त (डबल फोर्टिफाइड)आटा वितरित करेगी। इसका रोडमैप तैयार किया गया है। गेहूं की जगह अब आटा ही वितरित होगा। शुरुआतं भोपाल, इंदौर सहित 17 जिलों में की जाएगी। प्रस्ताव को अगली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। डबल फोर्टिफाइड आटा से जहां कुपोषण नियंत्रित होगा, वहीं खाद्यान्न की कालाबाजारी भी रुकेगी। आटा तैयार करने तीन से चार जिलों के क्लस्टर बनाए जाएंगे। इसके बाद टेंडर जारी होंगी। फ्लोर मिलों को गेहूं और प्रोटीन-विटामिन खाद्य विभाग उपलब्ध कराएगा, जिसे फ्लोर मिल आटे में मिलाकर पांच-पांच किलो का पैकेट तैयार करेंगे। बताया जाता है कि मप्र के स्थापना दिवस नवंबर से गरीबों को आटा उपलब्ध कराने की शुरुआत की जाएगी।

यह करेंगे मिलर्स

गेहूं के बदले फ्लोर मिलरसरकार को आटा देंगे। इसके लिए सरकार उन्हें प्रति सौ किलो पर पांच किलो गेहूं देगी। इसी में
वे पिसाई और एयर और वाटर प्रूफ बैग में भरकर सिलाई करेंगे। बैग के बदले सरकार मिलर्स को बारदाना देगी। मिल
तक गेहूं परिवहन के खर्च का भुगतान सरकार करेगी।

इतना आएगा भार

प्रदेश में करीब 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं का पीडीएस में वितरण होता है। वितरण करने में दो से तीन रुपए प्रति किलो अतिरिक्त आर्थिक भार आने का अनुमान है। आटा तैयार करने वाली निजी कंपनियों को आयरन,विटामिन डी सहित अन्य पोषक तत्व मिलाना होगा। पोषक तत्व की व्यवस्था सरकार करेगी।

ये हैं जिले
अनूपपुर, ग्वालियर, दमोह, मंडला, हरदा, मंदसौर, बैतूल, उज्जैन, छतरपुर, भोपाल, इंदौर, देवास, झाबुआ, छिंदवाड़ा धार, रीवा, सागर।
पहले 6 का प्लान
सरकार ने शुरुआती दौर में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 6 जिलों में पीडीएस में आटा वितरण करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। इसके बाद मंत्री और विधायकों ने सरकार पर दबाव बनाकर अपने-अपने जिले का नाम जुड़वा लिया। इसके चलते
सरकार को आटा वितरण का प्रस्ताव 17 जिलों के लिए बनाना पड़ा। 11 जिले बढ़ाए जाने से यह प्रस्ताव 6 माह के
लिए और लेट हो गया है।

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