प्रदेश की सबसे बड़ी हिंगोनिया गोशाला में गोबर से गैस बनाने का काम शुरू हो गया है। इस प्लांट में कम्प्रेस्ड बॉयो गैस बनाई जा रही है। अभी इस गैस को सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में भेजा जा रहा है। जल्द ही गोशाला के वाहन इसी गैस से चलेंगे।
अभी प्लांट में प्रतिदिन 700 किलो गैस बन रही है। यह गैस अभी इंडस्ट्रियल एरिया को बेची जा रही है और वहां इस गैस का उपयोग बॉयलर चलाने में किया जा रहा है।
चलेंगे ट्रैक्टर और जेसीबी
गोशाला परिसर में 20 ट्रेक्टर और कुछ जेसीबी हैं। आने वाले समय में इन सभी को इसी गैस से चलाया जाएगा। श्री बलराम सेवा ट्रस्ट के कार्यक्रम समन्वयक रघुपति दास की मानें तो एक ट्रैक्टर में गैस सिस्टम विकसित करने के लिए करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च होगा।