अवैध लोन ऐप्स के जाल में दर्जनों लोग अपनी जिंदगी उजाड़ चुके हैं। लोगों को इन फर्जी और अवैध चाइनीज लोन ऐप्स के चंगुल से बचाने के लिए एक तरफ
केंद्र सरकार लोन ऐप्स की व्हाइट लिस्ट तैयार कर रही है, जिन्हें प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर पर होस्ट करने की अनुमति होगी, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने चाइनीज व दूसरे अवैध इंस्टैंट लोन ऐप्स पर शिकंजा कसने के लिए गूगल पर बनाया दबाव है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में गूगल पर इन अवैध लोन ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआइ का भारी दबाव है, यही कारण है कि गूगल ने पिछले एक साल में प्ले स्टोर से 2,000 से अधिक पसर्नल लोन ऐप्स को हटाया है। आरबीआइ ने गूगल के अधिकारियों को पिछले दो महीने में कई बार ऑफिस बुलाकर इन अवैध ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा है।
600 से अधिक पसर्नल लोन ऐप्स को गूगल ने प्लेस्टोर से हटाया
जो देश से हो रहे थे संचालित चीन-हॉन्गकॉन्ग से जुड़े हैं तार: पुलिस जांच में पता चला कि अधिकतर अवैध लोन ऐप्स के तार चीन और हॉन्गकॉन्ग से जुड़े मिले। इनमें से कई ने गुरुग्राम, नई दिल्ली, मुंबई और बंगलूरु में फिनटेक स्थापित किया हुआ है। चीनी लोन ऐप्स का भंवरजाल 15% से 25% तक रकम प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में ग्राहक को कर्ज देते समय काट लेते हैं 180% से 350% तक सालाना ब्याज वसूलते हैं, किस्त में देरी होने पर भारी जुर्माना भी वसूलते हैं
ऐसे लगाते हैं निजी जानकारियों में सेंध कर्ज लेते समय ये ऐप
ग्राहक से उनके लाइव फोटो के साथ आधार और पैन कार्ड अपलोड कराते हैं। मोबाइल पर आया ओटीपी मांगते हैं। फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट, लोकेशन, चैट, फोटो गैलरी और कैमरे तक पहुंच की इजाजत लेते हैं। सभी जानकारियां चीन और हॉन्गकॉन्ग स्थित सर्वरों पर अपलोड कर दी जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे इनके कॉल सेंटर में बैठे रिकवरी एजेंट के पास ग्राहकों की ये सारी जानकारियां होती हैं। वसूली का टारगेट पूरा करने पर एजेंट को मोटा बोनस मिलता है।