Lahsun Bhavantar Yojna
15 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिकने के बाद अब एक बार फिर लहसुन के दाम नीचे की तरफ है। लगभग दाम गिरते-गिरते 200 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए हैं। इससे किसानों में गुस्सा बढ़ रहा हैं तो वह सरकार की धड़कने भी बढ़ा रहा हैं। 2017 में प्याज-लहसुन के कम दामों ने ही इतना बड़ा किसान आंदोलन खड़ा कर दिया था। Lahsun Bhavantar Yojna
रतलाम में भी कम दाम मिलने पर किसान सड़क पर उतर आए थे। तब भी मुख्य।मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वहां के कलेक्टर से पूरी जानकारी ली थी। अब मंदसौर में भी यही हालात बन रहे हैं तो मंदसौर जिला प्रशासन पहले ही अलर्ट मोड पर आ गया हैं। मंदसौर लहसुन की कीमत में गिरावट से किसानों में आक्रोश पनप रहा हैं। रतलाम जिले में किसानों का आक्रोश सड़क पर आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वहां के कलेक्टर से रिपोर्ट भी तलब की थी।
वहीं अब मंदसौर में दाम गिरने से बढ़ रहा किसानों का गुस्सा सरकार की धड़कने बढ़ा रहा है। इसके चलते जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। एक बार तो सोमवार को कलेक्टर ने मंडी पहुंचकर व्यापारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान कलेक्टर ने साफ कहा था कि किसानों को लहसुन के अच्छे दाम मिले। इसके लिए प्रयास करें।
लहसुन के दामों में गिरावट आने से किसानों का आक्रोश बढ़ रहा हैं। 200 से 300 रुपये क्विंटल के दाम मिलने से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। दाम कम होने को लेकर रतलाम में भी किसानों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था। अब वहीं कहानी मंदसौर में भी दोहराई जा सकती हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी इस पर भोपाल से नजर रखे हुए हैं। 2017 का किसान आंदोलन प्याज व लहसुन के कम दाम मिलने पर ही शुरू हुआ था जिसने बाद में हिंसक रुप ले लिया था। और पुलिस की गोली से पांच किसानों की मौत हो गई थी। एक किसान की मौत पुलिस हिरासत में मारपीट से हुई थी। Lahsun Bhavantar Yojna 2022
मुख्यमंत्री ने रतलाम कलेक्टर से लहसुन को लेकर पूरी रिपोर्ट भी ली थी। जैसे ही मंदसौर मंडी में भी लहसुन के दाम गिरना शुरू हुए। भोपाल से हो रही निगरानी के चलते ही एक बाद कलेक्ट र गौतमसिंह मंडी व्यापारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने मंडी व्यापारियों से कहा कि किसानों की मदद करें। किसानों से बहुत अच्छे से बात करें तथा किसानों को लहसुन के अच्छे दाम मिले इसके लिए प्रयास करें।
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व्यापारियों की अपनी समस्या- आगे मांग नहीं भेजे कहा
मंडी व्यापारियों के बैठक में कहा था कि पहले प्रदेश में जिन जिलों में लहसुन का उत्पादन नहीं हो रहा था अब वहां भी लहसुन का उत्पादन होने लगा। इसके साथ ही इस वर्ष मार्च के महीने में गर्मी काफी तेज रहने से लहसुन खराब भी हुई है। साथ ही लहसुन में अन्य तरह की बीमारियों के कारण भी खराब हुई। लहसुन खराब होने के कारण बाहर भेजने में दिक्कत आ रही है। अगर बाहर भेजते हैं तो विदेश पहुंचते-पहुंचते लहसुन पूरी तरह से खराब हो रही हैं।lahsun bhavantar
इसके साथ ही फैक्ट्रियों में भी पर्याप्त स्टाक होने से यहां भी लहसुन की मांग कम है। इस कारण लहसुन अच्छे दाम पर नहीं बिक पा रही है। तब कलेक्टर ने मंडी सचिव को कहा था कि किसानों को लहसुन के अच्छे दाम मिले। इसके लिए शासकीय नियमों का अध्ययन कर, किसानों के हित में और क्या निर्णय लिए जा सकते हैं पूरी जानकारी प्रस्तुत करें। गौरतलब है कि मंदसौर मंडी में गुरुवार को लहसुन का न्यूनतम भाव 400 रुपये क्विंटल रहा। जबकि माडल भाव 1200 रुपये क्विंटल बताया गया। हालांकि अच्छी किस्म की लहसुन 7350 रुपये प्रति क्विंटल बिकी।
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