देश में राजस्थान और गुजरात समेत कुछ राज्यों से मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि मध्यप्रदेश में मानसून की समाप्ति सितंबर के आखिर में होगी। पिछले 10 वर्षों में चार बार यहां मानसून की विदाई सितंबर में
हुई है। अभी बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बना है। इसके असर से अगले-दो तीन प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। इस बार मध्यप्रदेश में मानसून ने समय पर दस्तक दी और कोटे से 7 इंच ज्यादा बारिश हुई है।
इधर, सीजन में वर्षाजनित हादसे खूब हुए। 280 लोगों की मौत हुई। पानी में डूबने से 103 लोगों की मौत हुई, जबकि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 159 जानें गईं 6234 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए।
विशेषज्ञ बोले – मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन बताया, इस समय बंगाल की
खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बना है। इसलिए अगले तीन दिन कई स्थानों पर बारिश होगी। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला का कहना है कि प्रदेश से मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही होती है। सामान्य तारीख भी इसकी 4 अक्टूबर है। वर्तमान में जो परिस्थितियां बन रही हैं, उसके अनुसार मानसून की विदाई इस महीने के आखिरी में हो सकती है, क्योंकि अभी जो सिस्टम बन रहा है, उसका असर रहेगा। 1 जब बारिश कम हो जाती है तो आर्द्रता कम होने लगती है। हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी या उत्तरी होने लगता है।