भारत में दुनियाभर के विकसित देशों के मुकाबले ब्याज दरें सबसे कम बढ़ी है। नीतिगत दरों की समीक्षा के लिए आरबीआइ एमपीसी की बैठक 8 से 10 अगस्त तक होगी।अर्थशास्त्रियों ने कहा, अगली 2-3 तिमाहियों तक व्याज दरें यथावत रहसकती हैं।
भारतीय शेयर बाजार
इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की चाल भी व्याज दरों पर फैसले व मौद्रिक नीति पर आरबीआइ के रुख पर काफी हद तक निर्भर करेगी। कंपनियों के तिमाही नतीजे, विदेशी निवेशकों की गतिविधियां और रुपए के साथ कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार को दिशा देंगी।
बाजार में तेजी की उम्मीद
मुंबई. टमाटर-प्याज सहित सब्जियोंके दाम में बेतहाशा वृद्धि और दाल-गेहूं व खाद्य तेल की कीमतें बढ़ने केबावजूद लोगों को ईएमआइ के मोर्चे पर फरवरी 2023 से मिल रही राहतजारी रह सकती है। अर्थशास्त्रियों काकहना है कि महंगाई के मोर्चे पर चिंता के बावजूद आरबीआइ 10अगस्त को नीतिगत दरों के ऐलान मेंरेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखसकता है।
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बैंक लोन नहीं होगा महंगा
इससे बैंक लोन औरमहंगा नहीं होगा और ईएमआइ मेंइजाफा नहीं होगा, जो पिछले डेढ़साल में 18% से 25% बढ़ चुकी हैं।हालांकि, भारत में दुनियाभर केविकसित देशों के मुकाबले ब्याज दरेंसबसे कम बढ़ी है। नीतिगत दरों कीसमीक्षा के लिए आरबीआइ एमपीसीकी बैठक 8 से 10 अगस्त तक होगी।अर्थशास्त्रियों ने कहा, अगली 2-3तिमाहियों तक व्याज दरें यथावत रहसकती हैं। इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की चाल भी व्याज दरों परफैसले व मौद्रिक नीति पर आरबीआइके रुख पर काफी हद तक निर्भर करेगी। कंपनियों के तिमाही नतीजे,विदेशी निवेशकों की गतिविधियांऔर रुपए के साथ कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार को दिशा देंगी।
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