मध्यप्रदेश के अधिकतर किसान सोयाबीन की खेती करते है इसलिए सोयाबीन किसानो के लिए आज की यह पोस्ट बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है | पिछले कुछ सालो में सोयाबीन के उत्पादन में लगातार कमी देखने को मिल रही है |
सोयाबीन की फसल मे उत्पादन कमी होने का एक मुख्य कारण सोयाबीन को प्राप्त मात्रा मे पोषक तत्व का न मिलना है जिससे सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित होता हुआ दिखाई दे रहा है |
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सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए जरूरी पोषक तत्व
सोयाबीन की फसल एक तिलहन फसल है | तिलहन फसल होने के कारण इसमें बहुत से पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है | सोयाबीन की फसल या यु कहा जाये की तिलहन फसल में सल्फर की आवश्यकता बहुत ही अधिक होती है | सोयाबीन को प्राप्त मात्रा में सल्फर की आपूर्ति होना अत्यंत आवश्यक माना गया है | इसलिए किसानो को सोयाबीन को प्राप्त मात्रा में सल्फर की आपूर्ति करनी चाहिए |
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लगातार बुवाई से उत्पादन प्रभावित
मध्यप्रदेश के कई हेक्टेयर खेतो में सोयाबीन की खेती लम्बे समय से की जा रही है लम्बे समय से खेती होने के साथ साथ रासायनिक दवाई का उपयोग भी होने से खेत में सल्फर की मात्रा खत्म होने लगी है | सभी किसानो को सोयाबीन की फसल मे सल्फर की आपूर्ति करनी चाहिए ताकि सोयाबीन की फसल मे सल्फर की आपूर्ति हो सके और अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सके है |
DAP और यूरिया का छिड़काव
मध्यप्रदेश की अधिकतर किसान केवल DAP और यूरिया खाद का उपयोग ही करते हुए दिखाई दिए है | इन खाद के आलावा किसान किसी अन्य प्रकार के खाद उपयोग नहीं करते है | सोयाबीन की अच्छी फसल के किसानो को सोयाबीन की फसल के लिए उपयुक्त होने वाले सभी प्रकार पोषक तत्वों के खाद का उपयोग करना चाहिए |
अगर आप सोयाबीन की अच्छी पैदावार पाना चाहते है तो आप अपने नजदीकी कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क कर सकते है और सोयाबीन के लिए उपयुक्त खाद कैसे की DAP यूरिया के अलावा सल्फर और पोटाश का उपयोग कर सकते है |