सोयाबीन की फसल लगभग 40 दिन के आसपास हो गयी है और सोयाबीन की फसल मे इल्लियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है | किसान बंधु सोयाबीन की फसल को इल्लियों से बचाने के लिए प्रबंध करना अत्यंत आवश्यक है | सोयाबीन की फसल में फूल आने से पहले उसमे इल्लियों के बचाव के लिए दवाई का स्प्रे करना जरूरी है|
सोयाबीन की फसल में इल्लियों का प्रकोप
सोयाबीन की फसल अभी वर्तमान में 30 से 40 दिन को हो गयी है और इस समय सोयाबीन की फसल में इल्लियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है | किसान बंधुओ की अभी वर्तमान में सोयाबीन में इल्लियों के प्रकोप से बचने के लिए आवश्यक प्रबंधन करना होता है |
किसान बंधु सोयाबीन की फसल में इल्लियों के बचाव के लिए प्रोफेनोसेफर और इमाबेक्टीन का स्प्रे पर सकते है | जिससे किसानो को इल्लियों के प्रकोप से बचा जा सकता है | जिससे किसान बंधु अपनी सोयाबीन की फसल को इल्लियों के बचाने के लिए पहला स्प्रे कर सकता है | जो की 40 दिन की अवधि में ही करना होता है |
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फूल अवस्था से पहले करे पहला स्प्रे
कई किसान भाइयो को सोयाबीन की फसल मे पहला स्प्रे करने के लिए कोई निर्धारित समय की जानकारी पता नहीं होती है | किसान बंधु सोयाबीन की फसल में इल्लियों के लिए पहला स्प्रे 40 दिन या फिर सोयाबीन की फसल में फूल आने से पहले करना चाहिए |
किसान बंधु अपनी सोयाबीन की फसल मे 5 प्रतिशत फूल आने के बाद दवाई का स्प्रे पर सकता है | जिससे केवल 5 प्रतिशत फूल को ही नुकसान होता है | फूल पर दवाई का स्प्रे होने से फूल का ख़त्म होने की संभावना बनी रहती है |
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फूल खत्मं होएं के बाद करे अगला स्प्रे
किसान बंधुओ को सोयाबीन की फसल मे होने वाले पहले स्प्रे के बाद दूसरा स्प्रे फूल के समाप्त होने के बाद करना चाहिए क्योकि सोयाबीन की फसल में फूल खत्म होने पर फलियों में इल्लियों का प्रकोप देखने को मिलता है | इसलिए किसान बंधुओ को सोयाबीन की फसल में दूसरा स्प्रे ने फलिया बनने के बाद ही करना चाहिए | ताकि फूल के ख़त्म होने के बाद होने वाले स्प्रे से फूल पर कोई प्रभाव देखने को न मिले |
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